Uttarkashi Tunnel Rescue News



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Uttarkashi Tunnel Rescue News: सुरंग से निकले मजदूर ने जो कहा सुन कर दिमाग दंग हो जाएगा

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग ऑपरेशन सफल हो गया है. चट्टानों को चीर कर 41 मजदूरों को जिंदा बाहर निकाल लिया गया है. टनल से बाहर आते ही ओडिशा के एक मजदूर ने कहा कि हम बहुत खुश हैं. बता दें कि सबसे पहले ओडिशा के मजदूर ने मीडिया को रिएक्शन दिया.

ये हादसा आज से लगभग 17 दिन पहले दिवाली के दिन हुआ था. उस वक़्त ये मजदूर इसी सुरंग में काम कर रहे थे. लेकिन सुरंग धंसने के साथ ही मज़दूर 70 मीटर लंबी मलबे की दीवार के पीछे धंस गए. इसके बाद धीरे-धीरे मलबे को हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई.

निर्माणाधीन सुरंग में पिछले 17 दिनों से फंसे 41 में से पहले मजदूर को बाहर निकाल लिया गया है.

 

रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, आरवीएनएल, एसजेवीएनएल, ओएनजीसी, आईटीबीपी, एनएचएआईडीसीएल, टीएचडीसी, उत्तराखंड राज्य शासन, जिला प्रशासन, भारतीय थल सेना, वायुसेना समेत तमाम संगठनों, अधिकारियों और कर्मचारियों की अहम भूमिका रही.

बाहर निकल कर आए मज़दूरों को एम्बुलेंस के ज़रिए सीधा चिन्यालीसौड़ के स्वास्थ्य केंद्र लाया जाया गया है. उन्हें वहाँ डॉक्टर्स की निगरानी में रखा जाएगा.

सरकार का कहना है कि मज़दूरों के बचाव अभियान में राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ ही सेना, विभिन्न संगठन और विश्व के नामी टनल विशेषज्ञ शामिल थे.

 

 

17 दिन की कड़ी मेहनत और मशक्कत के बाद उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को निकाला जा रहा है.

सुरंग से आ रही तस्वीरों में कुछ मजदूरों को स्ट्रेचर पर लिटाकर पाइपों के ज़रिए बाहर लाया जा रहा है.

इन स्ट्रेचरों के नीचे पहिए लगे हुए हैं ताकि उसे पाइप के अंदर से आसानी से खींचा जा सके.

ये हादसा आज से लगभग 17 दिन पहले दिवाली के दिन हुआ था. उस वक़्त ये मजदूर इसी सुरंग में काम कर रहे थे.

लेकिन सुरंग धंसने के साथ ही मज़दूर 70 मीटर लंबी मलबे की दीवार के पीछे धंस गए.

इसके बाद धीरे-धीरे मलबे को हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई.

 

 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को बताया है कि सुरंग में पाइप डालने का काम पूरा हो गया है. इसके साथ ही सुरंग के बाहर एम्बुलेंस, स्ट्रेचर और डॉक्टर भी तैयार खड़े हैं. मज़दूरों को जैसे ही बाहर निकाला जाएगा, उन्हें डॉक्टर के निरीक्षण में रखा जाएगा.

 

अभियान से जुड़ी ज़िम्मेदारियां संभाल रहे अतिरिक्त सचिव (तकनीकी, सड़क और परिवहन) महमूद अहमद ने बताया था कि “कुल 86 मीटर में से वर्टिकल ड्रिलिंग 44 मीटर तक हो गयी है. हर विकल्प पर काम लगातार चल रहा है. टीएचडीएस ने भी सुबह से सात ब्लास्ट किए हैं.”

इसके साथ ही उन्होंने हॉरिज़ोन्टल ड्रिलिंग से जुड़ी जानकारी भी साझा की है.

 

उन्होंने कहा, “हॉरिज़ोन्टल ड्रिलिंग 55.3 मीटर तक हो गई है. हम ये काम मैनुअली कर रहे हैं तो हम मलबा निकालेंगे और फिर पाइप डाला जाएगा. पांच मीटर अभी और लगेगा. ठीक-ठीक तो कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन अगर सबकुछ ठीक रहा तो आज शाम तक अच्छी ख़बर मिल सकती है.

28 नवंबर को दोपहर में रेस्क्यू टीम के लोग मज़दूरों तक पहुंचे और सुरंग में पाइप डालने का काम पूरा हुआ. मज़दूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाना शुरू किया गया.

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